भागवत कथा के छठवें दिन कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़।
रिपोर्टर विवेक सिनहा
झारखंड आज तक न्यूज़
वाराणसी उत्तर प्रदेश
वाराणसी। दिनांक 31 दिसंबर, जैतपुरा स्थित ज्वरहरेश्वर महादेव मंदिर सभागार में सप्तव्यापी श्री मद भागवत कथा के छठवें दिवस पर श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी।
कथावाचक आचार्य पंडित राधारमण द्विवेदी ने बताया कि बाल लीला एवं कालिया नाग का मर्दन तथा पूतना का वध करके प्रभू श्री कृष्ण वृंदावन बन से मथुरा के लिए गोपियों के लाख मना करने के बाद भी वह मथुरा को चल दिए क्योंकि वहा उन्हें धर्म विरोधी आचरण करने वाले राजा कंस का वध करना था। राजा कंस भगवान श्रीकृष्ण को मारने के लिए सत्रह बार प्रयास किये थे किन्तु वह मार ना सका, आखिर भगवान श्रीकृष्ण के हाथों से ही कंस को मुक्ति मिली।
भगवान श्रीकृष्ण ने भक्ति में लीन महारानी रूक्मिणी से पाणि ग्रहण संस्कार कर अपना उनसे विवाह करके अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार करके अपने दिए हुए वचनों को निभाया। कथा प्रसंग सुन श्रद्धालुओं के “कृष्ण राधिका की जय”, “राधा रानी की जय, रूक्मिणी महारानी की जय”, “हर-हर महादेव” जयकारों से सभागार गुंज उठा।
कथा के अंत में मुख्य रूप से दयाशंकर मिश्र “दयालु” मंत्री उप्र सरकार, दक्षिणी विधायक नीलकंठ तिवारी उपस्थित रहे एवं भारत भूषण यादव (सारनाथ), राजेश सेठ, अभय स्वाभिमानी, ओमप्रकाश जायसवाल, प्रभात कुमार, काशीनाथ, जयशंकर गुप्ता, बृजेश, छोटे लाल, शंभू नाथ पुजारी, जयप्रकाश यादव, सुधा, राजकुमारी, अनामिका ने व्यासपीठ की आरती उतारी।