कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम में बी ब्लॉक की जर्जर इमारत के ढहने की सूचना
मिलते ही तत्काल अस्पताल पहुँचकर स्थिति का जायजा लिया जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्रीमती पूर्णिमा दास साहू जी ने तुरंत, राहत कार्य शुरू करवाया और घायलों को मलबे से बाहर निकलने के बाद तत्काल इलाज सुनिश्चित करवाया गया। परंतु इस भयावह हादसे ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—आखिर अस्पताल प्रशासन ने इतने जर्जर भवन में मरीजों को क्यों रखा? यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि गंभीर अपराध है, जिसमें आम जनजीवन के साथ सीधा खिलवाड़ किया गया है।
स्वास्थ्य व्यवस्था राज्य में पहले से ही वेंटिलेटर पर है और हालात यह हैं कि हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री इस्फान अंसारी जी दौरे पर आए थे, मगर उन्हें अस्पताल की दुर्दशा नहीं दिखी। एक औपचारिकता निभाई और चलते बने। मंत्री जी के बयानों की तरह उनके स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की जिम्मेदारी भी सिर्फ जुबानी है, ज़मीनी नहीं। स्वास्थ्य मंत्री और लापरवाह अस्पताल प्रशासन इस घटना के लिए जवाबदेह हैं और जनता अब जवाब मांग रही है। सुत्र रो के हवाले से यह खबर मिला है। झारखंड आज तक इस की पुष्टी नही करता है।