प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कदमा शाखा की ओर से पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी का पांचवीं पुण्य तिथि मनाया गया । सेवाकेंद्र की अलका बहन ने दादी जी की महान जीवन के बारे में सभी को बताया कि कैसे मात्र चौथी कक्षा तक पढ़ी ४६००० बहनों की अलौकिक मां १०३ साल की उम्र में भी १२ घंटे विश्व की सेवा में सक्रिय रही और सुबह ब्रह्म मुहूर्त में ४:०० बजे से हो जाती थी ध्यान मग्न। विश्व के सबसे स्थिर मन वाली महिला का वर्ल्ड रिकॉर्ड ।ऐसे अद्भुत व्यक्तित्व की धनी है दादी मां जानकी जी। दुनिया भर के १४० देश के में फैले प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी का जीवन आध्यात्म का प्रेरणापुंज हैं । यही नहीं विश्व की सबसे स्थिर मन की महिला का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दादी जी के नाम है । ब्रह्माकुमारीज विश्व की मात्रा ऐसी संस्था है ,जो नारी शक्ति द्वारा संचालित है ।
दादी जानकी जी का जीवन साक्षात में योग की जीती जागती मिसाल है । उन्होंने राजयोग के अभ्यास से खुद को इतना परिपक्व, शक्तिशाली, महान और आदर्शवान बनाया कि उनका एक-एक वाक्य महावाक्य बन गया । उन्होंने योग साधना से मन को इतना संयमित, पवित्र ,शुद्ध और सकारात्मक बनाया कि वे जिस समय जिस संकल्प पर जितनी देर चाहती , स्थिर रह सकती थी । यही कारण है कि जीवन के १०३ वर्ष की आयु में भी आपकी ऊर्जा और उत्साह देखते ही बनता था । केवल भारत ही नहीं विश्व के १४० देशों में अपनी मौजूदगी से दादी जी ने लोगों की जिंदगी में सकारात्मक संचार किया । दादी जी के संपर्क में आए हुए उन्हें देखकर, सुनकर, मिलकर प्रभावित होते और आज एक अच्छी जिंदगी की राही है । दादी जी का एक-एक शब्द लाखों भाई-बहनों के लिए मार्गदर्शक और पथ प्रदर्शक बना ।
उनका जन्म हैदराबाद सिंध प्रांत में १९१६ में हुआ था ,२१ वर्ष की आयु में संस्थान से जुड़ी थी, १९७० में पहली बार विदेश सेवा पर निकली , २००७ में ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका बनी, १०० देशों में अकेले पहुंचाया राजयोग का संदेश, १२ घंटे रोजाना समाज कल्याण में सक्रिय रही है ऐसी थी हमारी दादी जानकी जिनका आज पांचवीं पुण्यतिथि मनाते हुए सारे सेंटर के भाई बहनों ने दादी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।इस अवसर पर सेवाकेंद से जुड़े ज्योति बहन ने भी दादी जी से जुड़े अनुभवों को बताया। संस्था से जुड़े सभी भाई बहनों , राघवेंद्र भाई,उदय भाई,दिनेश भाई,सोनू भाई, पारूल बहन , संगीता बहन , रूबी बहन अन्य सभी ने दादी जी को श्रद्धांजलि अर्पित किए ।
अमरजीत सिंह की रिपोर्ट