सत नाम वाहे गुरू साहिब जी का जाप गुरू महाराज जी की पालकी साहिब के आगे रह कर किया जाता हैl जमशेदपुर की साघ संगत और छोटे छोटे बच्चे ऐवं बच्चियां पिछले तकरीबन 25 वर्षो से भी ज्यादा समय से जहां से भी नगर कीर्तन शुरू होता है, वहा ईक्ठे हो जाते है और 5/6 किलो मीटर तक का सफर पैदल चलकर साकची गुरुद्वारा में पहुंच कर अरदास कर अपने अपने घरों के लिए रवाना होते है । इस सत नाम श्री वाहे गुरू साहिब जी के जाप की चारो तरफ चर्चा होती है ।