JHARKHAND AAJ TAK 

Photo of author

By Rupesh Sharma

कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में एक लाख बीज बॉल उचित स्थान पर फेकता है तो दस हजार पौधा तो होगा ही

 

इस पृथ्वी पर सभी को जीने का अधिकार है हम किसी भी जीव की हत्या नहीं कर सकते

लक्ष्मी नगर साइंटिफिक उद्यान
में साइंटिफिक अकादमी के छात्रों को बीज बॉल बनाने का तरीका बताया गया

जमशेदपुर:
प्रिवेंशन ऑफ़ क्रुएलिटी एनिमल्स एंड प्लांट्स एवं आनंद मार्ग के संयुक्त प्रयास से सुनील आनंद ने साइंटिफिक अकादमी के सिनियर शिक्षक सतीश कुमार के आयोजन पर लक्ष्मी नगर साइंटिफिक अकादमी के छात्रों के बीच पर्यावरण को बचाने एवं पृथ्वी पर ज्यादा से ज्यादा विभिन्न माध्यमों से पेड़ लगाने का तरीका बताया गया। पृथ्वी पर किसी भी जीव को मारने का अधिकार नहीं जितने भी जीव जंतु इस पृथ्वी पर है सभी एक ही परम पुरुष के परिवार के हैं कोई भी परमात्मा अपने बच्चों का जान कैसे ले सकता है इसलिए ज्यादा से ज्यादा जीव जंतु को बचाने एवं पेड़ पौधों को संरक्षित एवं सुरक्षित करने के लिए सोचा जाए। इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतु एवं पेड़ पौधों को अपने भाई-बहन के रूप में स्वीकार करना होगा तभी सृष्टि का कल्याण संभव है।

बीज कॉल बनाने के लिए सबसे जरूरी है मिट्टी एवं सुखी हुई बीज । बीज गिला होगा तो बीज बॉल खराब हो जाएगा फंगस पकड़ लेगा इसलिए बीज एकदम सूखा होना चाहिए। मिट्टी चिकनी मिट्टी हो ।शहर में रहने वाले लोग कुम्हार भाई लोग से खरीद सकते हैं बहुत महंगी नहीं होती ₹100 की मिट्टी में लगभग 1000 छोटे बीज बॉल बन जाएंगे। मिट्टी को अच्छी तरह मिलाया जाएगा उसमें गाय की गोबर डालकर मिला लेना है थोड़ा पानी ज्यादा नहीं होना चाहिए। घर माता रोटी बनाने के लिए आटा गुत्ती है इस तरह गुत्ती लेना है । उसके बाद गोल गोल छोटे लीची के साइज का गोली बना लेंगे उसके बाद गोलकर उसमें गड्ढे कर देना है।एक छोटे बीज बॉल में चार बीज जामुन या नीम या लीची या बैल या और भी छोटे बीच डाल सकते हैं बड़े बीच जैसे आम का बीज का भी बनाना थोड़ा बड़ा । आम के बीज बॉल में दो बीज भी डाल सकते हैं ।
उसके बाद छाया में सुखा देना है। ज्यादा कड़क धूप में सूखने से फटने का डर रहता है। जमशेदपुर शहर में फेंकने के लिए कहीं भी जगह नहीं है । कारण टाटा कंपनी अपने अनुसार से शहर में पौधारोपण करती है उसमें कभी डिस्टर्ब नहीं करना चाहिए। इसलिए बिज बॉल शहर से बाहर फॉरेस्ट लैंड में या दलमा पहाड़ के आसपास या डिमना के अगल-बगल की अगल-बगल क्षेत्र में ,चाईबासा ,सरायकेला रोड के आसपास फॉरेस्ट लैंड पर फेंका जा सकता है। इसमें सावधानी रखनी चाहिए गाड़ी चलाते समय उसको रुक कर आध्यात्मिक भाव से उसको परमात्मा की गोद में दे देना है।
फेकते समय एक भाव रहे “हे परमात्मा तुम्हारा दिया हुआ चीज तुम्हारे ही गोद में दे रहे हैं इसमें शक्ति प्रदान करो , हे परमात्मा ”
भाव से इसको फेंका जाए तो ज्यादा अच्छा रहेगा ।
बारिश के मौसम में खुले आसमान के नीचे आकाशीय बिजली एवं बारिश का ध्यान रखते हुए यह काम करना है ।देखना है जब मौसम साफ हो तभी इस बीच बॉल फेकना है। कोई भी बादल के गर्जन एवं बादल की अवस्था में फेंकने से आकाशीय बिजली का शिकार हो सकता है । फेकते समय किसी के सर पर ना फेका जाए और भी ध्यान रखना है शांति प्रिय ढंग से यह कार्य करना है । इसका सकारात्मक प्रभाव 10 साल के बाद नजर आएगा । एक लाख बीज बॉल फेंकने से कम से कम दस हजार पौधा होना निश्चित है।
यह जैव विविधता एवं पर्यावरण को खुशहाल बनाने में बहुत ही मददगार साबित होगा। हर व्यक्ति के घर में काम से कम एक हज़ार बीज बॉल तैयार रहना चाहिए ।कभी भी बाहर जाएं तो अपने साथ कुछ भी बीज बॉल ले करके जाए और यात्रा के दौरान जगह देखकर उसे फेंक दे। कोई भी फल को खाने के बाद या किसी पेड़ के नीचे गिरी हुई बीज को संभाल कर रखें और बीज बॉल बना ले अगर अपने जीवन में एक लाख बीज बॉल फेंक दिए पृथ्वी पर तो आपके द्वारा कम से कम दस हजार पौधा तो जरूर होगा ।आपका जीवन सार्थक हो जाएगा।

 

 

Leave a Comment