मज़दूरों की एकता ज़िंदाबाद! – 2 साल की लड़ाई, मज़दूरों के हक़ की जीत!
मुसाबनी माइंस के मज़दूर भाइयों के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है! जब माइंस चल रही थी, हर श्रमिक के वेतन से ₹3/महीना काटकर कल्याण कोष में जमा किया जाता था, ताकि आपात स्थिति में वो राशि निकाली जा सके। मगर जब माइंस बंद हुई, मज़दूरों का पैसा भी अटक गया! ना कोई सुनवाई, ना कोई जवाब!
श्री आनंद बिहारी दुबे जी ने मुसाबनी माइंस लेबर यूनियन के बैनर तले बीते 2 सालों से लगातार संघर्ष किया, कंपनी और प्रबंधन से बार-बार बात की, हर दरवाजा खटखटाया, और आज वो दिन आ गया जब उनकी मेहनत रंग लाई!
आज उनके द्वारा उन फॉर्मों का वितरण शुरू कर दिया है, जिन्हें भरकर हर श्रमिक अपनी जमा राशि का दावा कर सकता है। कुल ₹1 करोड़ की राशि मज़दूरों के बीच वितरित होगी – वो पैसा जो उन्हीं का हक़ था, और जिसे वापस दिलाने के लिए उन्होंने संघर्ष किया!
रिपोर्टर=मनोज शर्मा